Rajyapal Ki Niyukti Kaun Karta Hai : दोस्तों क्या आप जानते है की राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है? तो चलो आज हम जानने वाले है की राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है। यह सामान्य ज्ञान आमतौर पर यूपीएससी बैंकिंग, एसएससी और रेलवे जैसी बड़ी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इसके अलावा लिखित परीक्षा के साथ-साथ इंटरव्यू राउंड में भी सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाते हैं।

सबसे पहले आप जानते हैं कि राज्यपाल क्या है?
राज्यापाल या राज्य+पाल दो शब्दों को मिलकर पाए जाते है।
राज्यपाल | राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख होता है, संवैधानिक प्रमुख होता है। |
अनुच्छेद | 153 के बारे में बताया गया है |
इसके अलावा ये भी बताया गया है की एक राज्यपाल दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल हो सकता है।
राज्य की कार्यपालिका जैसे कि – राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री परिषद, महाधिवक्ता को मिलकर बनता है।
अब चले जाते है की कैसे समानता पाई जाती है?
आमतौर पर केंद्र में होता है राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री उसी प्रकार से राज्य में राज्यपाल मुख़्यमंत्री होता है। तो केंद्र में राष्ट्रपति की और राज्य में राज्यपाल की कार्यों में समानता पा गयी है जिस प्रकार में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की भी कार्यों में समानता पायी गयी है। जिस तरह से केंद्र में राष्ट्रपति संवैधानिक मुखिया होता है, उसी तरह राज्यपाल राज्य में संवैधानिक मुखिया होता है, जिस तरह प्रधानमंत्री बस्तीिक मुखिया होता है, ठीक उसी तरह मुख्यमंत्री बस्तीिक राज्य का मुखिया है। तो अभी तक हमने जाना की एक राज्यपाल जो होता है राज्य के कार्यपालिका का प्रमुख होता है।
Rajyapal Ki Niyukti Kaun Karta Hai | राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?
राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है| किसी राज्य का राज्यपाल सीधे जनता के माध्यम से नहीं चुना जाता है और ना ही राज्यपाल का चुनाव राष्ट्रपति की तरह अप्रत्यक्ष रूप से जाता है। राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। हर एक राज्यों में राज्यपाल नियुक्ति होती है, तथा केंद्र प्रशासित प्रदेशों में उपराज्यपाल की नियुक्ति भी होती है। इसमें राज्यपाल को उच्च न्यायालय दयारा शपथ भी दिया जाता है। आमतौर पर राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है। इस प्रकार से राज्यपाल दो भूमिकाओं का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका पालन करता है। उच्चतम न्यायालय नें वर्ष 1979 में एक व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत राज्यपाल को केंद्र सरकार के आधीन नहीं माना गया था उसके बदले इसे एक स्वतंत्र संवैधानिक पद के रूप में मान्यता प्रदान की गयी थी।
इसके अलावा भी राज्यपाल को दो अन्य परम्पराओं का अनुपालन करना परता है–
एक है दूसरे राज्य के व्यक्ति को राज्यपाल के रूप में नियुक्ति किया जाता है, जिससे वह ब्यक्ति स्थानीय राजनीति से मुक्त रहे।
राज्यपाल की नियुक्ति के लिए आवश्यक है, कि राष्ट्रपति राज्य के मुख्यमंत्री से साथ परामर्श ले, जिससे राज्य में संवैधानिक व्यवस्था भी बनी रहे
राज्यपाल के कार्य और शक्तियां–
- आमतौर पर राष्ट्रपति राज्यों में अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन आरोपित करता है।
- राज्यपाल की शक्तियां कार्यकारी, विधान, न्यायिक और आपातकाल के आधार पर विभाजित किया गया है | राज्यपाल मुख्यमंत्री सहित कई उच्च पद पर नियुक्ति करता है | राज्यपाल की स्थिति ठीक उसी तरह होती है, जिस तरह देश में राष्ट्रपति की होती है |
- राष्ट्रपति की मुत्यु होने या इस्तीफा देने पर राष्ट्रपति के कार्यालय का कार्यभार का पालन उपराष्ट्रपति अधिकतम 6 महीने की अवधि तक करेंगे।
- राज्यपाल को विधानसभा में वह सभी अधिकार प्राप्त रहते है, जो कि राष्ट्रपति को संसद के लिए प्रदान किये जाते है, जैसे संदेश भेजने, संबोधन देने इत्यादि |
- राज्यपाल किसी दोषी की सजा में परिवर्तन या पूर्ण रूप से रोक लगा सकता है, राज्यपाल कुछ परिस्थितियों में अपने विवेक के अनुसार बिना मंत्रियों की सलाह पर कार्य करता है |
- किसी भी प्रस्ताव को विधानसभा में पास होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है, राज्यपाल के हस्ताक्षर के बिना कोई भी विधेयक राज्य का कानून नहीं बन सकता |
- किसी भी प्रस्ताव को विधानसभा में पास होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है, राज्यपाल के हस्ताक्षर के बिना कोई भी विधेयक राज्य का कानून नहीं बन सकता |
- जब राज्य में किसी दल को बहुमत प्राप्त नहीं होता है | राज्यपाल अपनें विशेषाधिकार का प्रयोग कर मुख्यमंत्री का चुनाव करता है, आपातकाल के समय राज्यपाल राष्ट्रपति के निर्देश पर राज्य का प्रशासन संचालित करता है |
- वह मुख्यमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद के सदस्यों को बर्खास्त कर सकता है। राज्यपाल, मंत्रिपरिषद के सदस्यों के बीच विभागों का वितरण करता है।
- राज्य का वार्षिक वित्तीय विवरण राज्यपाल की सहमति के बाद ही विधानमंडल में पेश किया जाता है, विधानसभा में किसी भी धन विधेयक को राज्यपाल की पूर्व अनुमति के बिना पेश नहीं किया जा सकता, तथा राज्यपाल की सहमति के बिना किसी अनुदान की मांग नहीं की जा सकती, प्रत्येक पांच वर्ष में पंचायतों एवं नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के लिए राज्यपाल द्वारा वित्त आयोग का गठन किया जाता है |
- एक राज्य के राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा पड़ोसी राज्यों के राज्यपाल का अतिरिक्त कर्तव्य दिया जा सकता है।
- राज्यपाल राज्य सरकार की कुछ महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ करता है, जैसे कि, महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य और अन्य।
राज्यपाल का वेतन–
राज्यपाल का वेतन 3.5 लाख रुपये प्रति माह निर्धारित किया हुआ है, एक से अधिक राज्य के लिए राज्यपाल का वेतन राष्ट्रपति के द्वारा निर्धारित किया जाता है |
अंत : तो दोस्तों अब आप जान गए होंगे की राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है? अगर आपको हमारे इस लेख को पसंद आया तो आप हमारे इस लेख को अपने फ्रेंड या रिस्तेदारो के साथ शेयर करे।
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