Neutron Ki Khoj Kisne Ki | न्यूट्रॉन की खोज किसने की?

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Neutron Ki Khoj Kisne Ki : नमस्ते दोस्तों, सुआगत है आपका हमारे इस नई लेख में। क्या आप कभी न्यूट्रॉन के बारे में सुना या पढ़ा है, जरूर पढ़े होँगे। लेकिन क्या अपने कभी यह सुना है की न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी। नहीं सुना तो कोई बात नहीं। क्योंकि आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि न्यूट्रॉन की खोज किसने की। तो आइए बिना देर किए इस लेख के माध्यम से जानते है की न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी।

न्यूट्रॉन की खोज किसने की?

दोस्तों सबसे पहले न्यूट्रॉन की खोज ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी जेम्स चैडविक ने वर्ष 1932 में की थी। उन्होंने अपने इस खोज में पता लगाया था कि परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन नामक उदासीन कण भी होते हैं और विद्युत रूप से उदासीन कणों को “न्यूट्रॉन” कहा जाता है। द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या।

जेम्स चैडविक के बारे में कुछ जानकी:

न्यूट्रॉन की खोज विज्ञानी जेम्स चैडविक ने की थी।
  • जेम्स चैडविक का जन्म बर्ष 20 अक्टूबर, 1891 में इंग्लैंड के बाॅलिंगटन नगर में हुआ था। उन्होंने अपना शिक्षा मैनचेस्टर और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों में पूरी की थी। इसके अलाबा, जेम्स चैडविक ने न्यूट्राॅन के आविष्कार के लिए बर्ष 1935 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था और अंत में 24 जुलाई, वर्ष 1935 में 82 साल की उम्र में जेम्स चैडविक की मृत्यु हो गया। उन्होंने बर्ष 1932 में बेरिलियम पर अल्फा का कणों से प्रहार किया।
  • जब रदरफोर्ड ने प्रोटॉन की खोज की, तब चैडविक भी इसका प्रयोग कर रहे थे। जब किसी परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के नाभिक में धनावेशित प्रोटॉन पाए गए, तो यह मान लिया गया कि परमाणु के नाभिक में भी उदासीन कण होंगे। परमाणुओं में ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन और धनावेशित प्रोटॉन होते हैं।
  • इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉन का कुल द्रव्यमान परमाणु के कुल द्रव्यमान से कम था। लेकिन उन्हें संदेह हुआ कि परमाणु के अंदर कुछ उदासीन कण होना चाहिए। बाद में इन उदासीन कणों की खोज की गई, जिन्हें हम आज ‘न्यूट्रॉन’ के नाम से जानते हैं। जब इन कणों का द्रव्यमान प्रोटॉन के साथ संयोजित होता है, तो कुल द्रव्यमान एक परमाणु के बराबर होता है। न्यूट्रॉन कणों की खोज भेष में वरदान साबित हुई है।

न्यूट्रॉन क्या हैं?

  1. यह एक परमाणु के नाभिक में पाया जाने वाला एक उदासीन कण है।
  2. इसे n द्वारा निरूपित किया जाता है।
  3. इसमें चार्ज जीरो होता है। क्योंकि यह एक उदासीन कण है।
  4. इसका द्रव्यमान 1.6749 × 10-27 किग्रा है और यह इलेक्ट्रान के द्रव्यमान का 1,839 गुना है।
  5. न्यूट्रॉन एक मौलिक कण नहीं है और यह यह क्वार्क नामक छोटे कणों से बना होता है।
  6. इसमें तीन क्वार्क होता है इसके अलाबा भी इसमें दो डाउन क्वार्क और एक अप क्वार्क होते हैं।
  7. न्यूट्रॉन तटस्थ और उच्च ऊर्जा कण होते हैं, इसलिए वे विचलित नहीं होते हैं और आसानी से सकारात्मक रूप से चार्ज किए गए नाभिक में प्रवेश करते हैं और परमाणु के नाभिक को तोड़ते हैं।
  8. किसी परमाणु के नाभिक का द्रव्यमान उसमें उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के योग के बराबर होता है।
  9. परमाणु बम न्यूट्रॉन से ही संभव हुए थे। चूंकि ये उदासीन कण होते हैं, इसलिए इनके माध्यम से नाभिक का विभाजन संभव है।
  10. परमाणु विखंडन में धीमे न्यूट्रॉन का उपयोग किया जाता है और परमाणु विखंडन में तेज़ न्यूट्रॉन का उपयोग किया जाता है।
  11. परमाणु द्रव्यमान एक परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान के योग के बराबर होता है।

निष्कर्ष:

धन्नोबाद दोस्तों हमारी इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए। तो अभी आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी, अभी आप सही तरह से जान गए होंगे की न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी। आपको हमारा इस आर्टिकल(लेख) को पसंद आया तो आप इस आर्टिकल को अपने फ्रेंड्स या अपने रिस्तेदारो के साथ शेयर कर सकते हो इससे आपके फ्रेंड्स या अपने रिस्तेदारो भी जान सकेगा कीन्यूट्रॉन की खोज किसने की थी। 

FAQs

प्रश्न: न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी?

उ: ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी जेम्स चाडविक ने 1932 में न्यूट्रॉन की खोज की थी।

प्रश्न: न्यूट्रॉन क्या है?

उ: न्यूट्रॉन एक परमाणु के नाभिक में पाया जाने वाला एक तटस्थ कण है। इसमें शून्य आवेश होता है और इसे ‘n’ से निरूपित किया जाता है।

प्रश्न: न्यूट्रॉन का द्रव्यमान कितना होता है?

उ: न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1.6749 × 10-27 किग्रा है और इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का 1,839 गुना है।

प्रश्न: न्यूट्रॉन कैसे बनता है?

उ: न्यूट्रॉन एक मौलिक कण नहीं है और यह क्वार्क नामक छोटे कणों से बना है। इसमें तीन क्वार्क होते हैं, लेकिन इसमें दो डाउन क्वार्क और एक अप क्वार्क भी होता है।

प्रश्न: नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन का उपयोग क्यों किया जाता है?

उ: न्यूट्रॉन तटस्थ और उच्च ऊर्जा वाले कण होते हैं, इसलिए वे विक्षेपित नहीं होते हैं और आसानी से सकारात्मक रूप से आवेशित नाभिक में घुस जाते हैं और एक परमाणु के नाभिक को तोड़ देते हैं। न्यूट्रॉन द्वारा ही परमाणु बम संभव बनाए गए थे। चूँकि ये उदासीन कण हैं, इनके द्वारा नाभिकों का विभाजन संभव है।

प्रश्न: परमाणु द्रव्यमान में न्यूट्रॉन की क्या भूमिका है?

उ: किसी परमाणु के नाभिक का द्रव्यमान उसमें उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों के योग के बराबर होता है। परमाणु द्रव्यमान परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान के योग के बराबर होता है।

प्रश्न: नाभिकीय विखंडन में किस प्रकार के न्यूट्रॉन का उपयोग किया जाता है?

उ: नाभिकीय विखंडन में धीमे न्यूट्रॉनों का तथा नाभिकीय विखंडन में तीव्र न्यूट्रॉनों का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न: वैज्ञानिक अनुसंधान में न्यूट्रॉन का क्या महत्व है?

उ: सामग्री की संरचना और गुणों का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान में न्यूट्रॉन का उपयोग किया जाता है, क्योंकि वे अन्य कणों की तुलना में पदार्थ के साथ अलग तरह से बातचीत करते हैं। यह वैज्ञानिकों को परमाणु और आणविक स्तर पर सामग्री के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों को समझने में मदद करता है।

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