आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि भारत की खोज किसने की, भारत खोज ने का जात्रा केसा था और उस समय के भारत के व्यापार के बारे में :
Bharat Ki Khoj Kisne Ki : आपके मन में यह सवाल भी हो सकता है कि भारत की खोज से पहले क्या भारत इस धरती पर नहीं था? तो मैं आपको बताना चाहूंगा की, भारत की खोज से पहले भारत था । लेकिन भारत के लोग ही इसे देस के बारे में जानते थे, इसके अलावा बाहर के लोगों को कुछ भी नहीं पता था ।
जैसे कि भारत के पश्चात देश यूरोप को भारत की स्थिति नहीं पता था। वे लोग कहानी के माध्यम से जानते थे कि भारत में अतिरिक्त खजानों और संपोड़ से भरा हुआ है । इसके अलावा कई लोग यह भी मानते थे कि भारत पूर्व की ओर मौजूद था। भारत का नक्शा बर्तमान में जैसा लगता है पहले बेसा नहीं लगता था, बहा भारत के साथ आता था पाकिस्तान, अफगानिस्तान और उसके अलावा ईरान भी इसमें शामिल था।

भारत की खोज किसने की थी?
वास्को डी गामा नाम के एक व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की खोज की थी। इसके अलावा, वास्को डी गामा 7 जुलाई 1497 को भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज के उद्देश्य से रवाना हुए थे और जात्रा के दो साल बाद अपने 4 नाविकों के साथ 20 मई 1498 को कोझीकोड केरल राज्य के कालीकट पहुंचा। 170 लोगों के उनके मूल दल में से केवल 54 ही उनके साथ लौटे थे। कालीकट में तीन महीने रहने के बाद वास्को डी गामा पुर्तगाल बापस लोट गए।
वास्को डी गामा पुर्तगाल के एक नाविक थे। वह एक पहला विदेशी था जो भारत की भौगोलिक स्थिति के बारे में जान पाए थे। फिर साल 1499 में भारत की खोज की यह खबर पूरे यूरोप में फैल गई थी।
भारत खोज ने का जात्रा केसा था?
जहां तक सवाल भारत का है, तो इसके एक ओर भारत की ऐसी स्रिंगखोलै है जिसे पर करना उस समय में असम्वब ही था। भारत की दूसरी ओर तीन ओर से भारत को समुद्र ने घेर रखा था। ऐसे में यूरोपियों के भारत पहुंचने के तीन ही रास्ते है।
- पहले रूस को पार कर चीन के रास्ते बर्मा पहुंचकर भारत आना जोकि अनुमान से बहुत ज्यादा लम्बा और जोखिम भरा था।
- दूसरा रास्ता अरब और ईरान को पार करके भारत पहुंचना था। लेकिन इस रास्ते का इस्तेमाल अरब के लोग करते थे और उन्होंने उस रास्ते का इस्तेमाल किसी को नहीं करने दिया।
- तीसरा रास्ता समुद्र का था, जिसमे चुनौती देने वाले सिर्फ समुद्र ही था।
भारत का व्यापार-
आपको बता दे की पहले भारत में मसाले काफी मात्रा में उगाया जाता था। इसके अलावा भारत में बहुमूल्य रत्न भी बड़ी मात्रा में उपलब्ध थे और इन वस्तुओं का विदेशों में व्यापार होता था।भारत का माल व्यापार के लिए यूरोप के बाजारों में ले जाया जाता था और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों जैसे कि इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा, बोर्निओ, मलेशिया इन द्वीपों पर भी भारत की माल ले जाया जाता था ।
देखा जाए तो भारत का व्यापार प्राचीन समय में यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ हुआ करता था। इसी तरह से अरब व्यापारी भारत से सामान खरीद कर दूसरे जगह (यूरोप) पर काफी महंगे दामों में बेचते थे इससे उन लोगों को बड़ा मुनाफा मिल जाता था। इस वजह से, पूरे एशिया के व्यापार पर अरब का कंट्रोल और नियंत्रण चला करता था।
FAQ –
Q. भारत के समुद्री मार्ग की खोज किसने की थी ?
Ans. भारत के समुद्री मार्ग की खोज वास्को डी गामा नाम के एक नाविक ने की थी।
Q. Bharat Ki Khoj Kis San Mein Hui Thi ?
Ans. वास्को डी गामा 7 जुलाई 1497 को भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज के उद्देश्य से रवाना हुए थे और जात्रा के दो साल बाद अपने 4 नाविकों के साथ 20 मई 1498 को कोझीकोड केरल राज्य के कालीकट पहुंचा।
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