श्री कृष्ण के कितनी पत्नियां थीं | कृष्ण भगवान के 16108 पट रानियों का सच

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श्री कृष्ण के कितनी पत्नियां थीं | कृष्ण भगवान के कितनी रानियां थी : कहा जाता है की भगवान श्री कृष्ण की 16108 पत्नियां थी क्या यह सच है ? इस विषय में कई कथाएं प्रचलित है और लोगों में इसको लेकर जिज्ञासा भी है, तो आइए जानते हैं कि कृष्ण की 16108 पत्नियां होने के पीछे का राज क्या है ।

Krishna ki kitni patniya aur raniya thi

श्री कृष्ण के कितने विवाह हुए थे

1. कृष्ण भगवान और रुक्मणी का विवाह : महाभारत के अनुसार कृष्ण ने रुक्मणी का हरण कर उनसे विवाह किया था । विदर्भ के राजा भीष्मा की पुत्री रुक्मणी भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे विवाह करना चाहती थी । रुक्मी, रुक्मरथ, रुक्मबाहु, रुक्मकेश और रुक्ममाली ।

रुकमणी सर्वगुण संपन्न तथा अति सुंदर थी । उसके माता-पिता उसका विवाह कृष्ण के साथ करना चाहते थे । किंतु रुक्मी चाहता था कि उसकी बहन का विवाह छेदी राज शिशुपाल के साथ हो । यही कारण था कि कृष्ण को रुकमणी का हरण कर उनसे विवाह करना पड़ा ।

2. श्री कृष्ण का जामवंती से विवाह : एकबार भगवान कृष्ण पर सत्राजित ने मणि चोरी करने का आरोप लगा था। तब वह उस मणि की तलाश करते करते रायसेन जिले के जंगलों में आ गए थे । यहां श्रीकृष्ण ने जामवंत से जामगढ़ की गुफा के पास 27 दिनों तक युद्ध किया।

जब जामवंत हारने लगे तो उन्होंने प्रभु श्रीराम को पुकारा। श्रीकृष्ण को तब राम रूप में प्रकट होना पड़ा। यह देख जामवंत की आंखों से आंसू निकल पड़े। बाद में जामवंत ने श्रीकृष्ण को मणि दिया और अपनी पुत्री जामवंती का विवाह भगवान श्रीकृष्ण से कर दिया।

3. श्री कृष्ण और सत्यभामा का विवाह : भगवान कृष्ण उस मणि को लेकर वापस आ गए और जब वो मणि सत्राजित को दिया तो , सत्राजित को ग्लानि हुई और लज्जा भी आई कि मैंने श्रीकृष्ण जी पर चोरी का आरोप लगाया। फिर सत्राजित ने श्रीकृष्ण ने क्षमा मांगी और अपनी पुत्री सत्यभामा को श्री कृष्ण को सौंप दिया।

4. कृष्ण और कालिंदी विवाह : पांडवों का लाक्षागृह से कुशलता पूर्वक बच निकलने पर शादी की आधी यदुवंशियों के साथ लेकर श्री कृष्ण पांडवों से मिलने के लिए इंद्रप्रस्थ गए । युधिष्ठिर भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव, द्रोपदी और कुंती ने उनका अतिथि पूजन किया ।

इस प्रवास के दौरान 1 दिन अर्जुन को साथ लेकर भगवान कृष्ण वन विहार के लिए निकले । जिसमें वह विहार कर रहे थे । वहां पर सूर्यपुत्र कालिंदी श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने की कामना से, तब कर रही थी । कालिंदी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रीकृष्ण ने उनके साथ विवाह कर लिया ।

5. फिर भी एक दिन श्री कृष्ण उज्जैनी की राजकुमारी मित्रविंदा को स्वयंवर से वर लाए ।

6. उसके बाद श्री कृष्ण कौशल के राजा नग्रजीत के साथ बैलों को एक साथ नाथ कर उनकी कन्या सत्या से पानी ग्रहण किया ।

7. उसके बाद श्री कृष्ण का कैकेयी की राजकुमारी भद्रा से विवाह हुआ ।

8. भद्र देश की राजकुमारी लक्ष्मणा भी श्रीकृष्ण को चाहती थी । लेकिन उनके परिवार कृष्ण से विवाह के लिए राजी नहीं था तब लक्ष्मणा को श्रीकृष्ण अकेले ही हर कर ले आए ।

श्री कृष्ण के कितनी पत्नियां थीं ?

इस तरह कृष्ण की 8 पत्नियां थी रुक्मणी, जामवंती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रविंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा । दोस्तों यह झूठ है कि श्री कृष्ण की 16108 पत्नियां थी ।

देवराज इंद्र ने आकर कृष्ण से प्रार्थना की

कृष्ण आठों अपनी पत्नियों के साथ सुख पूर्वक द्वारिका में रह रहे थे । एक दिन स्वर्ग लोक के राजा देवराज इंद्र ने आकर उनसे प्रार्थना की, हे कृष्ण प्रगज्योतिषपुर के दैत्यों राज भौमासुर के अत्याचार से देवता गण त्राहि-त्राहि कर रहे हैं ।

क्रूर भौमासुर ने वरुण का छात्र आदित्य के कुंडल और देवताओं की मणि छीन ली है और वह त्रिलोक विजयी हो गया है । इंद्र ने कहा भौमासुर ने पृथ्वी के कई राजाओं और आम जनों की अति सुंदर कन्याओं का हरण कर उन्हें अपने यहां बंदी गृह में डाल रखा है कृपया उन्हें बचाइए प्रभु ।

मुर दैत्य का वध

इंद्र की प्रार्थना स्वीकार करके श्री कृष्ण अपनी प्रिय पत्नी सत्यभामा को साथ लेकर गरुड पर सवार होकर प्रगज्योतिषपुर पहुंचे । वहां पहुंचकर भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से, सबसे पहले मुर दैत्यों सहित मुर के 6 पुत्र ताम्र, अन्तरिक्ष, श्रवण, विभावसु, नभश्वान और अरुण का संहार किया ।

भौमासुर का वध

मुर दैत्यों के वध हो जाने का समाचार सुन कर भौमासुर अपने अनेक सेनापतियों और दैत्यों की सेना को साथ लेकर युद्ध के लिए निकला । भौमासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप था, इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया और घोर युद्ध के बाद अंत में कृष्ण ने सत्यभामा की सहायता से भौमासुर का वध कर डाला । इस प्रकार भौमासुर को मारकर श्री कृष्ण ने उसके पुत्र को अभयदान देकर उसे प्रागज्योतिष का राजा बनाया ।

भगवान श्री कृष्ण की 16108 रानियों का रहस्य

भौमासुर के द्वारा हरण कर लाई गई 16108 कन्याओं को श्री कृष्ण मुक्त कर दिया । यह सभी अपहृत नारियां थी या फिर भय के कारण उपहार में दी गई थी और किसी और माध्यम से उस कारागार में लाई गई थी । वह सभी कन्याएं भौमासुर के द्वारा पीड़ित थी दुखी थी अपमानित, लांछित और कलंकित थी। सामाजिक मान्यताओं के चलते भौमासुर द्वारा बंधक बनाकर रखी गई इन नारियों को कोई भी अपनाने को तैयार नहीं था । तब अंत में श्री कृष्ण सभी को आश्रय दिया ।

ऐसी स्थिति में उन सभी कन्याओं ने श्री कृष्ण को ही अपना सब कुछ मानते हुए, उन्हें पति के रूप में स्वीकार किया । लेकिन श्रीकृष्ण उन्हें इस तरह से नहीं मानते थे, उन सभी को श्री कृष्ण अपने साथ द्वारिकापुरी ले आए । वहां वे सभी कन्याएं स्वतंत्र पूर्वक अपनी इच्छा अनुसार सम्मान पूर्वक द्वारका में रहने लगी । वह सभी वहां भजन, कीर्तन, ईश्वर भक्ति आदि करके सुख पूर्वक रह रही थी । द्वारका एक भव्य नगर था जहां सभी समाज और वर्ग के लोग रहते थे ।

अंत में

तो दोस्तों यह था भगवान श्री कृष्ण की 16108 पट रानियों का सच क्योंकि आज के लोगों में कई प्रकार की भ्रामक मान्यताएं हैं, इसलिए अधिक से अधिक लोगों के साथ इस लेख को शेयर करें । दोस्तों लेख अच्छी लगी हो तो वेबसाइट को बुकमार्क जरूर करें । अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर इसी तरह के धर्म और ज्ञान से संबंधित लेख पढ़ना चाहते हो तो फटाफट से इस वेबसाइट के नोटिफिकेशन सब्सक्राइब कर ले ।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :

श्री कृष्ण की 16108 पत्नियों के नाम क्या है?

भगवान श्री कृष्ण के 16108 पत्नियां नहीं बल्कि 8 पत्नियां थी और उनके नाम है रुक्मणी, जामवंती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रविंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा।

कृष्ण भगवान की कितनी प्रेमिका थी ?

कृष्ण भगवान की सिर्फ और सिर्फ एक प्रेमिका थी और वह थी राधा।

कृष्ण भगवान की सबसे प्रिय पत्नी कौन थी?

कृष्ण भगवान की सबसे प्रिय पत्नी रुक्मणी थी और रुक्मिणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री भी थीं।

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