यदि किसी व्यक्ति को किसी कारण बस लोन लेने की आवश्यकता पड़ती है, तो अधिकतर देखा गया है की वो व्यक्ति बिना कुछ सोचे समझे और बिना ब्याज दर की तुलना करके अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक ब्याज दर पर लोन ले लेते है।
क्या ऐसा करना सही है? बिलकुल भी नहीं, क्यों की अधिक ब्याज से आपका लोन चुकाना असम्भब हो सकता है और भविस्य में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
लेकिन कई लोग ब्याज दर की तुलना करके और सब कुछ जांच पड़ताल के बाबजुत नौकरी खोने, बीमारी, बिज़नेस में घाटा या एक्सीडेंट के कारण लोन चुकाने में असफल हो जाते है।
अगर आपकी ऐसी स्थिति बनती है, तो आपको लोनकर्ता सीधा सजा नहीं दे सकता। इसके लिए भी नियम होते है। यदि आपको कर्ज न चुकाने की सजा और इन दंडों से कैसे बचें और यदि आप अपने ऋण के लेकर परेशान हैं तो क्या करें, इसके बारे में अधिक जानना है तो इस लेख को अंत तक पढ़े।
कर्ज न चुकाने की सजा क्या है?
- कानूनी कार्रवाई : यदि आप अपने ऋण का भुगतान करने में असमर्थ हैं, तो ऋणदाता आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
- आरबीआई की गाइडलाइन : 2014 में आरबीआई ने अपना एक गाइडलाइन जारी किया था जिसमें कहा गया था कि अगर लेनदार कर्ज चुकाने के योग्य है और जानबूझकर कर्ज नहीं चुका रहा है तो उसे धारा 403 और 415 के तहत कर्ज नहीं चुकाने पर सजा मिल सकती है। लेकिन यह दोनों धारा 25 लाख रुपये से ज्यादा ज्यादा होने पर ही लगायी जायेगी।
- चेक का बाउंस होना : अधिनियम की धारा 138 के अनुसार, चेक का बाउंस होने अपराध है और इसके लिए दो साल तक की कैद या आर्थिक दंड या दोनों सजा हो सकती है।
- अदालत का आदेश : आपको एक अदालती आदेश मिल सकता है कि आप पूरी राशि का भुगतान करें, आपकी संपत्ति की जब्ती का आदेश, या आपको अन्य दंड का सामना करना पड़ सकता है।
- प्रतिष्ठा को ठेस : यदि आप भुगतान नहीं करते हैं, तो कर्ज वसूली एजेंट को लोन राशि वसूलने लेने के लिए आपके घर भेजा जा सकता है, जो आपकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचा सकता है और किसी के लिए भी यह सबसे तनावपूर्ण बात है।
- अधिक ब्याज चुकाना : समय पर कर्ज नहीं चुकाने पर आपको बाद में अधिक ब्याज के साथ लोन चुकाना पड़ सकता है।
- क्रेडिट स्कोर कम होना : लोनदाता आपके लोन का विबरण क्रेडिट ब्यूरो को भेजेगा, जिससे आपका सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा और भविष्य में आपको कोई लोन नहीं देगा। यह भी एक प्रकार का सजा ही है।
लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है?
कर्ज न चुकाने पर सजा के कुछ मामले :
इंटरनेट की मदद से खोज करके, हम आपके साथ लोन डिफॉल्ट के कुछ मामले साझा कर रहे हैं:
- मामला नंबर 1 : एक निजी बैंक की ओर से चंद्रभान गांव के एक किसान को जेल की सजा सुनाई गई थी। किसान का नाम कुलदीप सिंह है। वे अपनी सात एकड़ जमीन बैंक के पास गिरवी रखकर 14 लाख रुपये का कर्ज बैंक से लिया था, लेकिन लगातार फसल खराब होने के कारण वह बैंक का कर्ज नहीं चुका पा रहा था। कर्ज सिर्फ 14 लाख का है लेकिन ब्याज मिलाकर 24 लाख रुपये हो गया था। किसान की जमीन की कीमत 1.5 करोड़ रुपए थे। फिर भी बैंक ने कोर्ट में मुकदमा दायर कर किसान को दो साल की सजा दिलवा दी। क्रेडिट : https://www.jagran.com
- मामला नंबर 2 : श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर ने बताया कि उनकी ब्रांच से एक महिला ने वाहन खरीदने के लिए फाइनेंस किया था। लेकिन महिला कर्ज चुकाने में असमर्थ थी। इसके बाद उन्होंने अपनी सभी बकाया किश्तों का भुगतान करने के लिए एक चेक दिया था, लेकिन उनके बैंक खाते में पैसे नहीं होने के कारण चेक बाउंस हो गया और महिला ग्राहक की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाया गया। इसके बाद फाइनेंस कंपनी इस मामले को कोर्ट में लेके गया और कोर्ट ने फाइनेंस कंपनी के मत में महिला को चेक की रकम से ज्यादा दो लाख रुपये जुर्माना और तीन महीने की साधारण कैद की सजा सुनाई। क्रेडिट : https://www.hindusthansamachar.in
- मामला नंबर 3 : बैंक के एडवोकेट अर्जुन भारद्वाज ने बताया कि बालिता कोटा निवासी विष्णु शर्मा ने एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक से कार लोन लिया था, जिसमें रघुवीर शर्मा ने कर्ज के लिए जमानत दी थी। समय पर भुगतान न करने पर बैंक की ओर से कई बार लोनकर्ता को इसके बारे में सूचित किया गया, लेकिन कर्जदार ने हमेशा उसकी अनदेखी की। फिर इस मामले को फाइनेंस कंपनी ने अदालत में लेके के गए और आखिरकार कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने पहले लोन चूककर्ता को लोन को चुकाने के लिए कहा लेकिन कर्जदार ने मना कर दिया। फिर दोनों को कारावास की सजा सुनाई गई। क्रेडिट : https://www.bhaskar.com
अंत में :
वह व्यक्ति जो अपना ऋण चुकाने में असमर्थ घोषित हो गया हो वह कर्ज नहीं चुकाने पर, बैंक उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई कर सकता है और कर्ज लेने वाले को कोर्ट और पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। इससे बचने के लिए लोन डिफाल्टर व्यक्ति बैंक से लोन सेटलमेंट कर सकते हैं।
यदि आपके आपने पर्सनल लोन लिया है और लोन चुकाने में असमर्थ हैं, तो जैसा की पर्सनल लोन एक असुरक्षित ऋण है, जिसके लिए संपत्ति को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है, ऐसी स्थिति में बैंक सीधे कार्रवाई नहीं कर सकता है। लेकिन इससे लोन डिफॉल्टर के क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ेगा।
खराब सिबिल सिबिल स्कोर कैसे ठीक करें?
FAQ – सवाल जवाब
Q. यदि कोई उधारकर्ता अपना पर्सनल लोन चुकाने में असमर्थ है, तो क्या उधारकर्ता दिवालियापन के लिए फाइल कर सकता है?
जी हां, यदि उधारकर्ता अपना लोन चुकाने में असमर्थ हैं, तो वे दिवालियापन के लिए फाइल कर सकते हैं। लेकिन इसके गंभीर परिणाम होते हैं और इसे अंतिम उपाय के रूप में माना जाना चाहिए। दिवालियापन के लिए फाइल करने से उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव पड़ेगा, जिससे भविष्य में कोई भी ऋण लेना या बैंक खाते खोलना मुश्किल हो जाएगा।
Q. अगर मैं अपना कर्ज नहीं चुका सकता तो क्या होगा?
जब एक उधारकर्ता लगातार तीन महीनों के लिए ऋण पर चूक करता है, तो बैंक आम तौर पर एक नोटिस भेजकर उन्हें जल्दी भुगतान करने का आग्रह करता है। यदि डिफ़ॉल्ट सीधे 90 दिनों तक लोन नहीं चुकाता है, तो उधारकर्ता को एक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित किया जाता है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। एनपीए होने से उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप अदालती कार्यवाही और गिरवी रखी गई संपत्ति की जब्त किया जा सकता है।
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